मुस्लिम देशों का गाज़ा युद्ध पर मोर्चा

गाज़ा युद्ध ने विश्व की ध्यानाकर्षण की बातें किए हैं, लेकिन मुस्लिम देशों का इस पर क्या रुख है, यह भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। गाज़ा में इस संघर्ष के बावजूद, अनेक मुस्लिम देशों ने अपना दृष्टिकोण दिखाया है और अपने स्टैंड को साझा किया है।
तुर्की:
तुर्की ने गाज़ा युद्ध में फ़िलिस्तीनियों का साथ दिया है और इसका सख्त ख़िलाफ़ा किया है। राष्ट्रपति रेजेप तायिप एर्दोगन ने इस युद्ध को ‘अधिकार’ के ख़िलाफ़ घोषित किया है और इसे निंदा किया है।
इरान:
इरान ने भी इस युद्ध में फ़िलिस्तीनियों के साथ खड़ा होने का दावा किया है। वे हमास का समर्थन करते हैं और इसे इस्राइल के ‘इल्हामी’ हमलों के ख़िलाफ़ देखते हैं।
पाकिस्तान:
पाकिस्तान ने भी फ़िलिस्तीनियों के साथ सोलिडारिटी जताई है और गाज़ा युद्ध को निंदा किया है। उन्होंने इस्राइल के हमलों की निंदा की है और फ़िलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन किया है।
सऊदी अरब:
सऊदी अरब ने इस युद्ध में सावधानी बरती है और इसे भी समझौते के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने इस्राइल और पालेस्तीनियनों के बीच मुआवजा की आवश्यकता का समर्थन किया है।
मुस्लिम देशों का यह स्टैंड गाज़ा युद्ध में फ़िलिस्तीनियों के साथ सोलिडारिटी का प्रतीक है। यहाँ तक कि वे अपने द्वारा भेजे गए मदद का भी ऐलान किया है, जो गाज़ा में ज़रूरतमंद लोगों की सहायता करेगा। इससे स्पष्ट है कि मुस्लिम देश इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर रहे हैं और फ़िलिस्तीनियों के साथ खड़े हैं।